अति सूक्ष्म दूरियों का मापन परमाणु ,अणु का आकार ज्ञात करना ओलिक अम्ल के अणु का आकार ज्ञात करने की विधि समझाइए ।प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी के उपयोग की सीमाएं लिखिए ।

अति सूक्ष्म दूरियों का मापन : परमाणु ,अणु का आकार ज्ञात करना ।


प्रश्न 1 :-  प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी के उपयोग की सीमाएं लिखिए ।               


उत्तर 1 :- 

                एक प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी द्वारा किसी निकाय की जॉंच के लिए दृश्य - प्रकाश का उपयोग किया जाता है ।प्रकाश के लक्षण तरंग जैसे होने के कारण , प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी को , अधिक से अधिक , प्रयुक्त प्रकाश के तरंगदैर्ध्य के बराबर विभेदन के लिए ही प्रयोग में लाया जा सकता है । दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्ध्य का परिसर 4000Å से 7000Å (1 Å = 10 -10 m ) है । अतः प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी इससे छोटे आकार के कणों का विवरण नहीं कर सकते हैं ।

प्रश्न 2 :- इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी के उपयोग की सीमाएं लिखिए ।

उत्तर 2 :- 
                एक इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा किसी निकाय की जांच के लिए इलेक्ट्रॉन - पुंज का उपयोग किया जाता है । इलेक्ट्रॉन - सूक्ष्मदर्शी का विभेदन भी अंततः इसी तथ्य द्वारा सीमित होता है की इलेक्ट्रॉन भी तरंगों की तरह व्यवहार कर सकते हैं । किसी इलेक्ट्रॉन की तरंगदैर्ध्य 1Å के अंश के बराबर कम हो सकती है । 0.6Å विभेदन क्षमता तक के इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी विकसित किए जा चुके हैं । जिनके द्वारा पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं का विभेदन संभव हो गया हैै ।

प्रश्न 3 :- ओलिक अम्ल ( अणुओं का आकार ) के अणु की साइज ज्ञात करने की किसी विधि का वर्णन कीजिए । 

उत्तर 3 :- 

                ओलिक अम्ल एक साबुनी द्रव है । इस विधि में पहले हम 1cm³ ओलिक अम्ल को ऐल्कोहॉल में घोलकर 20cm³ घोल बनाते हैं ।  इस घोल का 1cm³ लेकर ऐल्कोहॉल में पुनः 20cm³ घोल बनाते हैं । अब इस घोल की सांद्रता 1 / 20*20 cm³ ,ओलिक अम्ल /cm³ घोल हुई।
इसके बाद एक बड़े नांद में पानी लेकर , उसके ऊपर लाइकोपोडियम पाउडर छिड़क कर , लाइकोपोडियम पाउडर की एक पतली फिल्म जल के पृष्ठ के ऊपर बनाते हैं । फिर ओलिक अम्ल के पहले बनाए गए घोल की एक बूंद इसके ऊपर रखते हैं।यह बूंद जल के पृष्ठ के ऊपर लगभग वृत्ताकार , एक अणु मोटाई की फिल्म के रूप में फैल जाती है । इस तनु फिल्म का व्यास माप कर इसका क्षेत्रफल A ज्ञात किया जाता है ।

माना कि हमने जल के पृष्ठ पर  n बुंदे ओलिक अम्ल घोल की डाली ।
यदि एक बूंद का अनुमानित आयतन(Vcm³) ज्ञात कर ले ,
तो घोल की n बुंदो का आयतन
                       = nV cm³
इस घोल में विद्यमान ओलिक अम्ल का आयतन
                       = nV (1 / 20 * 20 ) cm³
ओलिक अम्ल का यह घोल तेजी से जल के पृष्ठ पर फेल कर t मोटाई की पतली फिल्म बना लेता है । यदि इस फिल्म का क्षेत्रफल A cm²वर्ग सेंटीमीटर है , तो फिल्म की मोटाई
          t =  फिल्म का आयतन /  फिल्म का क्षेत्रफल
          t =  nV / 20 * 20 A  सेंटीमीटर

यदि हम यह मान ले कि फिल्म एक एक आणविक मोटाई की है तो ' t ' ओलिक अम्ल के अणु की आमाप अथवा व्यास बन जाता है । इस मोटाई का मान 10 -9  m की कोटि का आता है।

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